Little Known Facts About Shiv chaisa.
Little Known Facts About Shiv chaisa.
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
शिव पंचाक्षर स्तोत्र
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
शंकरं, शंप्रदं, सज्जनानंददं, शैल – कन्या – वरं, परमरम्यं ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
जय सविता जय जयति दिवाकर!, सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!...
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
ब्रह्म – कुल – वल्लभं, सुलभ मति दुर्लभं, विकट – वेषं, विभुं, वेदपारं ।
लै त्रिशूल Shiv chaisa शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥